जेट एयरवेज जिसका नाम आते ही यह लगता है कि यह एयरलाइंस कैसे बंद हो गई ,और दोबारा अपनी उड़ानें कब से शुरू करेगी।
ये तो आप जानते होंगे कि जेट एयरवेज जिसमें बोली लगाने वाले कार्लो कैपिटल और मुरारीलाल जालान को जेट एयरवेज के कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स ने अक्टूबर 2020 में ही अप्रूवल दे दिया था कि यह दोनों ही जेट एयरवेज के नए मालिक है। और अप्रूवल मिलने के बाद जेट एयरवेज अपना ऑपरेशन स्टार्ट कर सकता है।
जेट एयरवेज अपनी उड़ाने 2021 में ही शुरु करेगी, NCLT से आया ये आदेश।
लेकिन यहां पर जेट एयरवेज को अपना बिजनेस स्टार्ट करने के लिए एक कानूनी अर्चन अभी भी है वो ये है कि जेट एयरवेज को अभी भी एनसीएलटी (NCLT) से अप्रूवल लेना बाकी है। जेट एयरवेज का मामला एनसीएलटी (NCLT) में पड़े हुए तकरीबन 3 महीने होने को आया हैं और अभी तक कोई भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है कि जेट एयरवेज को एनसीएलटी (NCLT) से अप्रूवल मिलने वाला है या फिर नहीं।
इसी डर को देखते हुए अब जेट एयरवेज के पुराने एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस और इंजीनियर वर्कर एसोसिएशन ने NCLT में एप्लीकेशन दायर की है कि एनसीएलटी जेट एयरवेज को लेकर अपना फाइनल डिसीजन जनवरी महीने के आखिरी तक जरुर दे दें जिससे कि जेट एयरवेज फिर दोबारा से अपनी उड़ानों को चालू कर सकें।
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यहां पर सबसे जरूरी बात है कि जेट एयरवेज को लेकर एनसीएलटी (NCLT) 25 जनवरी को अपना डिसीजन देने वाली है। और कहीं इस बार भी यदि एनसीएलटी फिर दुबारा से अगली डेट दे देती है तो यहां पर जेट एयरवेज का 2021 के समर में उड़ानों को चालू करने का सपना टूट जाएगा।
भारत में कोई भी कानूनी अप्रूवल लेने में सालों लग जाते हैं। यदि ऐसा ही केस जेट एयरवेज के साथ भी हुआ तो जेट एयरवेज की उड़ाने और भी देरी से चालू होंगी। और जिसका नुकसान पूरा का पूरा जेट एयरवेज और जेट एयरवेज के पुराने एंप्लोई जो कि अभी भी जेट एयरवेज के चालू होने का इंतजार कर रहे हैं, उन लोगों को उठाना पड़ेगा।
अप्रूवल मिलना क्यों ज़रूरी है
जेट एयरवेज को जनवरी महीने में अप्रूवल मिलना इसलिए भी ज्यादा जरूरी है, क्योंकि इसमें यदि थोड़ी और देरी हुई तो समर शेड्यूल के जितने भी स्लॉट्स जो कि जेट एयरवेज के पास थे वह सभी के सभी स्लॉट्स दूसरी एयरलाइंस कंपनियों को दे दिए जाएंगे
जिसके बाद जेट एयरवेज उन स्लॉट्स को अगले 6 महीने तक यूज नहीं कर पाएगा।
जेट एयरवेज के पास टोटल 800 से भी ज्यादा स्लॉट्स थे, जब जेट एयरवेज की उड़ानें बंद हुई थी। दिल्ली एयरपोर्ट और मुंबई एयरपोर्ट के अलावा कई इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स के भी इंपॉर्टेंट स्लॉट शामिल है जिन की वैल्यू करोड़ों में है।
अब एनसीएलटी को अवश्य ही जेट एयरवेज के बारे में सोचना चाहिए। और जेट एयरवेज को जल्दी से जल्दी रिवाइव करने की कोशिश की जानी चाहिए ताकि यह एयरलाइंस कंपनी फिर दोबारा से अपनी उड़ानों को चालू कर सके।।